मुसलमान धातुओं, विशेष रूप से ताँबा, काँसा और चाँदी का उपयोग करने में सक्षम थे
उत्तर है: सही
इस्लाम की शुरुआत से ही मुसलमान खनिजों का उपयोग करने में सक्षम रहे हैं, क्योंकि वे खनन और गलाने के क्षेत्र में प्रतिष्ठित थे।
उन्होंने अपने शिल्प कार्य और औजारों और हथियारों के निर्माण में तांबे, कांस्य और चांदी का उपयोग किया।
मुसलमानों ने धातु उद्योग में कई उच्च इंजीनियरिंग तकनीकों की शुरुआत की, जैसे मिश्र धातु प्रसंस्करण, पॉलिशिंग और धातुओं पर उत्कीर्णन।
इन उन्नत तकनीकों की बदौलत, धातुएँ स्थानीय और वैश्विक बाजारों में मूल्यवान और वांछनीय उत्पाद बन गई हैं।
यह वैज्ञानिक उपलब्धि मुसलमानों के महान इतिहास की उपलब्धियों में से एक मानी जाती है।